Sher-o-shaayari : Dil ke kalam se ......
Friday, June 18, 2010
मुश्किलें आयें या मुश्किलें जाएँ............. Insaan phir bhi chalta jaaye !!
14.
मुश्किलें आयें या मुश्किलें जाएँ, दिल खिले या जाफाये !
तूफानों में किनारे कम पड़ जायें, क्यों दिल हर दिन बहारें लाये !
अकाल की शकल बदलती जायें, जब विचारों के मेघ घिर जायें !
वक्त हमको क्या क्या दिखलाये , जब राह और चाह हमकदम बन जायें !
~ Tarun
Read me : Jaafaayein = not Justifiable
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment