चुप रहे हम, कुछ कहो तुम | चुप रहे हम, कुछ कहो तुम |
एक जनम या दस जनम, सारी ख़ुशी तेरे कदम,
चाहे दिल मेरा यूँ जबतक इसमें है दम, सिलसिले यही, यही प्यार का मौसम |
प्यास तुझी से, येः आस तुझी पे, कर रहम खुदा की मेरा दमन कभी पड़े न कम !
~ Tarun
No comments:
Post a Comment